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Protection Kya Hota Hai इंश्योरेंस क्या होता है आपने इंश्योरेंस, बीमा, जीवन बीमा आदि का नाम तो पहले कभी न कभी जरूर सुना होगा क्योंकि आज के समय में टीवी, इंटरनेट आदि जगह पर सबसे ज्यादा विज्ञापन Insurance (बीमा) के ही आते हैं, वर्तमान में इंश्योरेंस करवाना बहुत ही लोकप्रिय हो गया है। लगभग सभी लोग अपना जीवन बीमा अवश्य करवाते हैं, लेकिन अभी भी कुछ लोग ऐसे हैं जिन्हें इंश्योरेंस (बीमा) के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है।
अगर आप भी उन लोगों में शामिल हैं जिन्हें बीमा के बारे में अधिक जानकारी नहीं है तो आपको चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि इस आर्टिकल के जरिए आज हम आपको Protection के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे, जैसे कि इंश्योरेंस क्या होता है इंश्योरेंस कितने तरह का होता है बीमा क्या है बीमा कैसे बनता है इंश्योरेंस के लिए जरूरी दस्तावेज क्या हैं आदि, इस आर्टिकल को पढ़कर आपको बहुत ही आनंद आएगा।
तो चलिए दोस्तों वक्त बर्बाद ना करते हुए आर्टिकल को जल्दी से जल्दी शुरू करते हैं और जान लेते हैं कि इंश्योरेंस क्या होता है / बीमा क्या होता है / जीवन बीमा क्या होता है, उम्मीद करता हूं कि आपको हमारा यह आर्टिकल जरूर पसंद आएगा।
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इंश्योरेंस क्या होता है | Insurance Kya Hota Hai
इंश्योरेंस का हिंदी में मतलब होता है बीमा यानी यह भविष्य में होने वाले किसी भी नुकसान या हानि के लिए भरपाई का एक जरिया होता है, इस बारे में किसी भी व्यक्ति को नहीं पता है कि कल क्या होगा, लेकिन बीमा के जरिए आप भविष्य में होने वाले संभावित नुकसान की भरपाई कर सकते हैं, वास्तव में बीमा एक अनुबंध या कॉन्ट्रैक्ट होता है जो कि बीमा करवाने वाले व्यक्ति और बीमा देने वाली कंपनी के बीच साइन किया जाता है।
यह भविष्य में होने वाले नुकसान से निपटने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करता है, आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जब आप किसी इंश्योरेंस को लेते हैं तो आपको तय रकम की किश्त को एक निश्चित समय पर चुकाना होता है, लेकिन कुछ योजनाओं में आप पैसों को एक बार में ही भर सकते हैं, इसके बारे में आपको बीमा देने वाली कंपनी के साथ हुए कॉन्ट्रैक्ट में जानकारी मिल जाती है।
भविष्य में जब भी उसे बीमा से संबंधित चीज में कोई नुकसान हो जाता है तो बीमा कंपनी को उस नुकसान की भरपाई लिखित कॉन्ट्रैक्ट के अंतर्गत करती है।
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इंश्योरेंस कैसे लेते हैं | इंश्योरेंस कैसे बनता है
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इंश्योरेंस लेने के लिए आपको बहुत से तरीके देखने को मिल जाते हैं जैसे कि किसी बीमा कंपनी के बीमा एजेंट के जरिए इंश्योरेंस ले सकते हैं, बीमा कंपनी में खुद जाकर भी इंश्योरेंस प्राप्त कर सकते हैं, बीमा कंपनी की वेबसाइट से ऑनलाइन इंश्योरेंस करवा सकते हैं, आप ब्रोकर वेबसाइट पर जाकर भी ऑनलाइन रजिस्टर करवा सकते हैं आदि।
जरूरत पड़ने पर आप उपर्युक्त सभी तरीकों से बीमा पॉलिसी को क्लेम कर सकते हैं, यानी उस बीमा पॉलिसी से संबंधित कोई नुकसान हो जाता है, और आपने इंश्योरेंस ले रखा है तो आप बीमा कंपनी से बीमा के एवज में मिलने वाली राशि के लिए दावा कर सकते हैं।
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Insurance के कितने प्रकार होते हैं
आमतौर पर Insurance को जीवित और निर्जीव चीजों के आधार पर दो भागों में बांट जाता है, इसमें Life Insurance यानी जीवन बीमा को किसी जीवित व्यक्ति के लिए और General Insurance यानी साधारण बीमा को निर्जीव चीजों के लिए होता है।
1. Life Insurance (जीवन बीमा) –
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लाइफ इंश्योरेंस में किसी इंसान के जीवन का बीमा किया जाता है, जीवन बीमा एक प्रकार की बचत होती है, इसे कोई व्यक्ति लेता है और अगर उसकी मौत हो जाती है तो बीमा कंपनी के द्वारा उस व्यक्ति के परिवार में इंश्योरेंस की राशि को दे दिया जाता है।
जीवन बीमा लेने वाले व्यक्ति को एक तय अवधि तक एक निश्चित राशि को बीमा कंपनी को देना होता है, उसमें बीमा लेने वाले व्यक्ति को कितना प्रीमियम मिलेगा यह बीमा कंपनी की योजना के आधार पर निर्भर करता है।
जीवन बीमा में बहुत सी योजनाएं होती हैं जैसे कि टर्म इंश्योरेन्स, मनी बैक पॉलिसी, यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान, संपूर्ण जीवन बीमा, बंदोबस्ती की योजना आदि।
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2. General Insurance (साधारण बीमा) –
साधारण बीमा में घर, पशु, वाहन, फसल, स्वास्थ्य बीमा आदि शामिल होते हैं, इनके अलावा इस बीमा में चोरी, दुर्घटना, आग, बाढ़ आदि को भी शामिल किया जाता है।
इस बीमा योजना में पूरी पेमेंट को एक बार में ही करना होता है, जिसके लिए एक तय अवधि निर्धारित की जाती है, वह समय अवधि समाप्त होने पर इस बीमा योजना को फिर से रिन्यू कर दिया जाता है।
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किसी भी व्यक्ति के जीवन के सभी पहलुओं को पूर्ण रूप से कवर करने के लिए जीवन बीमा और साधारण बीमा दोनों की ही जरूरत पड़ती है।
आमतौर पर कितने इंश्योरेंस की आवश्यकता होती है?
लाइफ इंश्योरेंस का मतलब जानने के साथ साथ यह जानना भी बेहद जरूरी होता है कि असल में आपको कितना लाइफ इंश्योरेंस लेना आवश्यक होता है, आपको लाइफ इंश्योरेंस का मूल्यांकन भी अवश्य करना चाहिए।
वैसे तो मनुष्य के जीवन का रुपयों में मूल्यांकन करना असंभव है लेकिन फिर भी यह जानना जरूरी होता है कि समय आने पर आपको कितने इंश्योरेंस की आवश्यकता होगी।
लाइफ इंश्योरेंस लेते वक्त आपको यह देखना चाहिए कि :-
- दैनिक जीवन के सभी खर्चे जैसे कि घर का खर्चा, दवाई का खर्चा, आदि को जोड़ें।
- भविष्य में बकाया लोन चुकाने वाले रुपयों, देनदारियों आदि को जोड़ें
आमतौर पर बीमा कवर राशि को वार्षिक आय से 10 से 15 गुना तक चुनने की सलाह दी जाती है।
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जीवन बीमा के क्या फायदे हैं | Benefits Of Life Insurance
हमारा जीवन बहुत से अनिश्चित वाक्यों और जोखिमों से भरा हुआ है, परिवार में किसी भी व्यक्ति के साथ दुर्घटना हो जाती है तो पूरे परिवार को पीड़ा महसूस होती है।
लेकिन अगर हम अपना जीवन बीमा करवा लेते हैं तो भविष्य में होने वाले संभावित नुकसान से थोड़ी बहुत आर्थिक सहायता हो सकती है, हालांकि मानव जीवन को पैसों से तौला नहीं जा सकता है लेकिन इससे मनुष्य की जरूरतों को प्राप्त करने में आसानी होती है।
लाइफ इंश्योरेंस प्लान एक तरह का इन्वेस्टमेंट टूल है, जिससे आप मैच्योरिटी बेनिफिट्स का लाभ उठा सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपको पॉलिसी की अवधि तक जीवित रहना होगा।
जीवन बीमा की राशि आपके बच्चों की शिक्षा, उनकी शादी करवाने जैसे अनेक कामों में बड़ी ही सहायक होती है, आर्थिक सुरक्षा के साथ साथ जीवन बीमा से मानसिक शांति भी मिलती है।
इसके अलावा भी जीवन बीमा / Life Insurance की बहुत सी विशेषताएं हैं जैसे कि –
- निवेश का मौका – अगर कोई व्यक्ति मनी बैंक और एंडोमेंट प्लान में निवेश करना चुनता है तो जीवन बीमा एक बेहतरीन निवेश के अवसर के रूप में कार्य कर सकता है, क्योंकि इस प्लान के जरिए जीवन कवर और निवेश के दोहरे लाभ प्राप्त होते हैं, ऐसे प्लान निवेश पर बहुत ही अच्छा रिटर्न देते हैं।
- कर छूट आयकर – अधिनियम 1961 की धारा 80 सी और 10 (10डी) के तहत कोई भी व्यक्ति जीवन बीमा पॉलिसी में इन्वेस्टमेंट करके आयकर लाभ की सुविधा ले सकता है।
- मृत्य लाभ – जीवन बीमा पॉलिसी के तहत अगर किसी बीमार व्यक्ति की पॉलिसी अवधि के दौरान अचानक से मृत्यु हो जाती है तो नॉमिनी को मृत्यु लाभ में मिलने वाली राशि प्रदान कर दी जाती है, जो कि दैनिक जीवन के कामकाजों और जीवन के लक्ष्य को पूरा करने में आर्थिक सहायता प्रदान करती है।
- मैच्योरिटी बेनिफिट – कई जीवन पॉलिसी ऐसी होती हैं जो पॉलिसी अवधि के अंत में मैच्योरिटी बेनिफिट प्रदान करती हैं, हालांकि इसके लिए शर्त यह होती है कि बीमार व्यक्ति को पॉलिसी अवधि तक जीवित रहना होता है।
- लोन के लिए अवसर – कुछ लाइफ इंश्योरेंस कंपनी जीवन बीमा लेने पर लोन की सुविधा भी देती हैं, जो कि किसी भी व्यक्ति को तत्काल वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने में बहुत ही ज्यादा सहायक है, जैसे कि मेडिकल इमरजेंसी के लिए इलाज या किसी व्यक्ति से उधार लिए हुए पैसों को चुकाना आदि।
जीवन बीमा Life insurance के लिए जरूरी दस्तावेज
अगर आप जीवन बीमा देना चाहते हैं तो आपको कुछ जरूरी दस्तावेजों को जमा करवाना होगा जो कि निम्नलिखित हैं :-
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1. पहचान के लिए प्रमाण पत्र
आधार कार्ड या वोटर आईडी कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट।
2. एड्रेस प्रूफ
राशन कार्ड, बिजली का बिल, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, टेलीफोन बिल।
3. आयु प्रमाण पत्र
10वीं या 12वीं की मार्कशीट, ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड या वोटर आईडी कार्ड।
4. इनकम प्रूफ
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आय प्रमाण पत्र, पिछले 3 से 6 महीनों की सैलरी स्लिप आदि।
कुछ योजनाओं में यह सुनिश्चित करने के लिए किसी व्यक्ति को बीमारी है या नहीं, मेडिकल चेकअप की भी आवश्यकता होती है, इसके अलावा कंपनी के द्वारा अन्य दस्तावेज भी मांगे जा सकते हैं।
जीवन बीमा का दावा कैसे करें?
यदि दावेदार ने सभी जरूरी चरणों का अच्छे से पालन किया है तो जीवन बीमा के लिए दावा पेश करना और बीमा की राशि प्राप्त करना, एक बहुत ही सुविधाजनक और परेशानी मुक्त कार्य हो जाता है।
एक दावेदार भारत में किन परिदृश्यों के अंतर्गत दावा क्लेम कर सकता है, इसके बारे में जानकारी नीचे दे दी गई है, बीमार व्यक्ति के मृत्यु के मामले में मृतक का नॉमिनी निम्नलिखित तरीके से दावा करने में सक्षम होता है –
- बीमा देने वाले को मृत्यु का समय, स्थान, कारण जैसी सभी मंहतवपूर्ण जानकारियों के बारे में जल्द से जल्द अवगत कराएं।
- बीमा कंपनी को जरूरी दस्तावेज और प्रूफ जमा कराएं, इनमें बीमा कंपनी के द्वारा दिए गए क्लेम फॉर्म के साथ बीमार होने वाले व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र भी शामिल होगा।
- अगर आवश्यक है तो पोस्टमार्टम के साथ डॉक्टर की रिपोर्ट भी जमा कराएं।
- यदि पहले से अनुबंध हुआ है तो असाइनर को जरूरी दस्तावेज प्रदान करने होते हैं, यदि कोई अन्य व्यक्ति दावा पेश कर रहा है तो उसे बीमाधारक के साथ अपने संबंध का कानूनी प्रमाण भी प्रस्तुत करना होता है।
- अगर मामला पुलिस पूछताछ से जुड़ा हुआ है तो जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होती है।
- जांच पूरी हो जाने के बाद इंश्योरेंस कंपनी / बीमा कंपनी के द्वारा दावे को मान लिया जाएगा, और उसके बाद दावेदार के साथ उसका विवरण साझा कर दिया जाएगा।
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FAQs Insurance Kya Hota Hai | Insurance Meaning In Hindi
इंश्योरेंस की उत्पत्ति कैसे हुई?
रोम के लोग जीवन बीमा के बारे में जानते थे, लेकिन इसके आधुनिक स्वरूप की शुरुआत साल 1653 में हुई, जब लंदन के श्री विलियम गिब्बंस के जीवन का का एक वर्ष का इंश्योरेंस किया गया था। कहा तो ऐसा भी जाता है कि बीमा को सबसे पहले 3000 हजार साल पहले मेसोपोटामिया और बेबीलोन में शुरू किया गया था, माना जाता है कि आधुनिक बीमा का विकास 13वीं शताब्दी में हुआ था।
इंश्योरेंस की उत्पत्ति कैसे हुई?
जब कोई आपसे पूछता है कि “बीमा की उत्पत्ति कैसे हुई?”, आपको यह जानकर आश्चर्य हो सकता है कि इसका उत्तर सरल नहीं है। जोखिमों के खिलाफ बीमा करने की प्रथा हजारों साल पहले की है, लेकिन आधुनिक बीमा जैसा कि हम जानते हैं कि इसकी उत्पत्ति 17 वीं शताब्दी के इंग्लैंड में हुई थी। वहां, व्यापारियों और समुद्री कप्तानों ने समुद्र में होने वाले नुकसान से खुद को बचाने के लिए अपने संसाधनों को जमा करना शुरू कर दिया। ये अनौपचारिक बीमा व्यवस्था अंततः अधिक औपचारिक कंपनियों में विकसित हुई, और उद्योग तब से लगातार बढ़ रहा है।
आज, बीमा वैश्विक अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह व्यवसायों को जोखिम का प्रबंधन करने में मदद करता है और उपभोक्ताओं को दुर्घटनाओं, प्राकृतिक आपदाओं और अन्य अप्रत्याशित घटनाओं से होने वाले वित्तीय नुकसान से बचाता है। बीमा जोखिम साझा करने को बढ़ावा देकर और यह सुनिश्चित करने में मदद करके समाज में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है कि स्वास्थ्य सेवा जैसी महत्वपूर्ण सेवाएं सभी के लिए उपलब्ध हैं।
भारत में इंश्योरेंस कंपनी कितनी है?
वर्तमान में भारत में कुल 24 लाइफ इंश्योरेंस कंपनियां हैं, और इनमें से एकमात्र सार्वजनिक क्षेत्र की इंश्योरेंस कंपनी लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एलआईसी) है, बाकी सभी कंपनियां निजी इंश्योरेंस कंपनियां हैं।
बीमा वित्तीय नुकसान से सुरक्षा का एक साधन है। यह जोखिम प्रबंधन का एक रूप है जिसका उपयोग मुख्य रूप से आकस्मिक, अनिश्चित हानि के जोखिम से बचाव के लिए किया जाता है। एक बीमा कंपनी पॉलिसीधारकों से प्रीमियम एकत्र करती है और बीमाधारकों को दावों का भुगतान करती है।
भारत में कई बीमा कंपनियां हैं। प्रत्येक कंपनी के पास उत्पादों और सेवाओं का अपना सेट होता है जो वह अपने ग्राहकों को प्रदान करता है। बाजार में विभिन्न प्रकार की बीमा पॉलिसियां उपलब्ध हैं, जैसे स्वास्थ्य बीमा, जीवन बीमा, कार बीमा और गृह बीमा।
बीमा पॉलिसी खरीदने से पहले यह समझना जरूरी है कि इसमें क्या शामिल है और क्या नहीं। पॉलिसी के लिए साइन अप करने से पहले नियम और शर्तों को ध्यान से पढ़ना भी महत्वपूर्ण है। एक प्रतिष्ठित और विश्वसनीय कंपनी से बीमा खरीदना उचित है।
बीमा का मूल आधार क्या है?
किसी भी ग्राहक को बीमा देने से पहले उसकी वर्तमान एवं भविष्य की आय, व्यय और जिम्मेदारी का आधार देखकर ही सभी कंपनियां ग्राहक को आवश्यक बीमा देने का काम करती हैं।
बीमा कंपनियों का राष्ट्रीयकरण कब हुआ था?
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भारत में पूरे साधारण बीमा व्यवसाय को, साधारण व्यवसाय राष्ट्रीयकरण अधिनियम 1972 (जिब्ना) के तहत राष्ट्रीयकृत किया गया था।
तो दोस्तों कैसा लगा आपको हमारा यह आर्टिकल, इस आर्टिकल के जरिए हमने जाना कि Insurance Kya Hota Hai / इंश्योरेंस क्या होता है, इस आर्टिकल में हमने आपको इंश्योरेंस / बीमा के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की है।
दोस्तों हमारी तरफ से हमेशा यही कोशिश रहती है कि हम आपके सामने संपूर्ण और सही जानकारी विस्तारपूर्वक तरीके से पेश कर पाएं, और आप जो जानकारी जानने के लिए हमारे इस आर्टिकल में आए हैं, वह जानकारी आपको प्राप्त हो जाए उम्मीद करता हूं कि आपको हमारा यह आर्टिकल अच्छा लगा है।
ऑटो बीमा: सबसे आम प्रकार की बीमा पॉलिसियों में से एक, ऑटो बीमा वाहनों के लिए कवरेज को कवर करती है।
Insurance के नुकसान
बीमा दुर्घटनाओं, प्राकृतिक आपदाओं या अन्य अप्रत्याशित घटनाओं से होने वाले संभावित वित्तीय नुकसान से खुद को बचाने का एक तरीका है। जब कुछ बुरा होता है और पॉलिसीधारक की गलती नहीं होती है, तो बीमा उन्हें उनके नुकसान की प्रतिपूर्ति करने में मदद कर सकता है।
कई अलग-अलग प्रकार की बीमा पॉलिसियां उपलब्ध हैं, और प्रत्येक के अपने विशिष्ट लाभ और कमियां हैं। उपलब्ध विभिन्न नीतियों पर शोध करना और व्यक्ति या परिवार की आवश्यकताओं के अनुरूप एक को खोजना महत्वपूर्ण है।
बीमा खरीदते समय एक बात का ध्यान रखें कि किसी घटना के होने से पहले पॉलिसी खरीदना जरूरी है। अगर कुछ होता है और पॉलिसीधारक के पास बीमा नहीं है, तो उनके पास अपने नुकसान की भरपाई के लिए कोई रास्ता नहीं बचा होगा।एक परिवार जिसका आपातकालीन हड़ताल से पहले बीमा नहीं है, वह खुद को एक कठिन वित्तीय स्थिति में पा सकता है।
Conclusion
अगर आपको हमारा यह आर्टिकल Insurance Kya Hota Hai In Hindi / इंश्योरेंस क्या होता है अच्छा लगा है, तो इसे अपने दोस्तों और करीबियों के साथ शेयर जरूर कीजिएगा। आज के लिए इतना बहुत है, जल्द ही मिलते हैं, किसी नए आर्टिकल में नए टॉपिक के साथ। तो आप आर्टिकल के नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में कमेंट करके हमें अपनी राय दे सकते हैं, हम आपके कमेंट का जवाब जल्द से जल्द देने का प्रयास करेंगे।
बीमा कितने प्रकार के होते हैं?
Life insurance: 8 तरह की होती है जीवन बीमा पॉलिसी, अपनी जरूरत के हिसाब से करें चुनाव
1.टर्म इंश्योरेंस प्लान …
2.मनीबैक इंश्योरेंस पॉलिसी …
3.एंडोमेंट पॉलिसी …
4.सेविंग्स एंड इन्वेस्टमेंट प्लान्स …
5.यूलिप …
6.आजीवन लाइफ इंश्योरेंस …
7.चाइल्ड इंश्योरेंस पॉलिसी …
8.रिटायरमेंट प्लान
कौन सा बीमा सही है?
LIC best policy: एलआईसी की सबसे अच्छी पॉलिसी एलआईसी टेक टर्म प्लान नंबर 854 को माना जाता है. एलआईसी की सभी टर्म पॉलिसी में इसे सबसे सस्ती पॉलिसी माना जाता है. 18 साल से लेकर 65 साल तक के लोग इस पॉलिसी को खरीद सकते हैं. इस प्लान में कम से कम 50 लाख रुपये के बीमा की पॉलिसी लेनी होती है.08-Aug-2021
बीमा का अर्थ क्या है?
पैटरसन, ई डब्ल्यू के अनुसार – “बीमा दो पक्षकारो के बीच एक संविदा है जिसके अन्तर्गत एक पक्षकार एक निश्चित प्रतिफल के बदले दूसरे पक्षकारो की विशिष्ट जोखिमों को ग्रहण करता है और उसे भविष्य में किसी उल्लिखित घटना के होने पर एक रकम देने का या क्षतिपूर्ति का वचन देता है।”10-Jul-2017
जीवन बीमा से क्या लाभ होता है?
किसी भी हादसे की स्थिति में आपके जीवनसाथी, बच्चे, बूढ़े मां-बाप आपके जीवन बीमा से प्राप्त राशि से घर और जीवनयापन के अन्य खर्चों का वहन कर सकेंगे। जीवन बीमा आपकी विकलांगता की स्थिति में भी आपको सुनिश्चित राशि प्रदान करता है ताकि आप और आपके परिवार को आय की कमी की वजह से वित्तीय परेशानियां नहीं झेलनी पड़े।
LIC में कितना जमा करने पर कितना मिलेगा?
इस पॉलिसी में निवेशकों को हर दिन 200 रुपये यानी एक महीने में 6000 रुपये जमा करने होते हैं. अगर आप 20 साल तक इसमें पैसा लगाते हैं तो आपको मैच्योरिटी (LIC maturity) पर पूरे 28 लाख का फायदा मिलता है. इसके अलावा इसमें आपको रिस्क कवर भी मिलेगा.
सबसे सस्ता जीवन बीमा कौन सा है?
चौथी खास बात लॉयल्टी एडिशन की है. पॉलिसी मैच्योर होने पर सम एस्योर्ड का पैसा तो मिलेगा ही, साथ ही कुछ लॉयल्टी एडिशन का पैसा भी मिलेगा. इसका अर्थ हुआ कि अगर पॉलिसी 2 लाख की है तो मैच्योरिटी पर उससे ज्यादा पैसे आपके हाथ में आएंगे. पांचवीं सबसे खास बात यह कि एलआईसी की सबसे सस्ती पॉलिसी है.
जीवन बीमा क्यों करना चाहिए?
पॉलिसी अवधि के दौरान बीमित व्यक्ति की मृत्यु हो जाने या किसी दुर्घटना के कारण अपंग हो जाने की स्थिति में जीवन बीमा उत्पाद, एक निश्चित मात्रा में धनराशि प्रदान करते हैं। प्रमुख रूप से कोई भी ऐसा व्यक्ति, जिसके परिवार के लिए उसका सहारा आवश्यक हो तथा वह आय अर्जित करता हो, उसके लिए जीवन बीमा आवश्यक होता है।
LIC का नियम क्या है?
LIC Rules: जीवन बीमा पॉलिसी पर इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत टैक्स छूट का फायदा मिलता है. अगर आपने 31 मार्च 2012 को या उससे पहले पत्नी, पति या फिर बच्चे के नाम पर बीमा पॉलिसी ली है तो चुकाए गए प्रीमियम पर 20 प्रतिशत तक टैक्स छूट का फायदा ले सकते हैं. एलआईसी की पॉलिसी कई वजहों से बंद कराने की नौबत आ ही जाती है.
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[…] इलेक्ट्रिक वाहन हर साल अधिक लोकप्रिय हो रहे हैं। टेस्ला अपनी इलेक्ट्रिक कारों के साथ इस आंदोलन में सबसे आगे है। टेस्ला इलेक्ट्रिक कारों का भविष्य उज्ज्वल दिखता है। वे अपनी तकनीक में सुधार कर रहे हैं और अपनी कारों को और अधिक किफायती बना रहे हैं। यह पर्यावरण और अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर है। elon musk companies list Why the Kia Ev6 GT is such a great car know more […]